पंजाब के किसान कर्जा लेने के मामले में पहले नंबर पर आ गए हैं. पंजाब में प्रति किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) पर लगभग 2.52 लाख रुपए का औसत लोन बकाया है.
किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किसानों को प्रदान किए गए बकाया लोन के आंकड़ों की अगर बात करें तो पंजाब में लगभग 21.98 लाख कृषि परिवारों पर 55,428 करोड़ रुपए का भारी कर्ज है. जो कि हर केसीसी धारक पर 1.20 लाख रुपए के राष्ट्रीय औसत से अधिक है.
इसके अलावा पंजाब के पड़ोसी राज्य हरियाणा की अगर बात करें तो वो किसानों के कर्ज के मामले में दूसरे नंबर पर है. यहां किसानों पर औसत 2.18 लाख रुपए कर्ज है. यहां 22.86 लाख किसानों पर 50,045 करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज है. इसके साथ ही बात करें गुजरात की तो किसानों पर कर्ज के मामले में गुजरात तीसरे नंबर पर है.
गुजरात के 30.18 लाख केसीसी लाभार्थियों पर औसतन 2.06 लाख रुपए का कर्ज है. इसके साथ ही राजस्थान 65.40 लाख केसीसी धारकों पर औसतन 1.52 लाख रुपए कर्ज के साथ चौथे नंबर पर पहुंच गया है. इसके अलावा बात करें उत्तर प्रदेश की तो यहां किसान क्रेडिट कार्ड के सबसे ज्यादा लाभार्थी हैं, यहां केसीसी लाभार्थियों की संख्या 1.07 करोड़ रुपए है, इन पर बकाया राशि 1.28 लाख करोड़ रुपए है.
केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में केसीसी के 1,475 लाभार्थियों पर 99 करोड़ रुपए बकाया है. यहां प्रति परिवार औसतन 6.71 लाख रुपए बकाया है. आपको बता दें कि केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा की तरफ से लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए खुलासा किया गया था कि प्रदेश में 31 मार्च तक लगभग 7.34 करोड़ सक्रिय केसीसी धारक थे, उनपर 8.85 लाख करोड़ रुपए बकाया थे.
आपको बता दें कि 1998 में किसान क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की गई थी. जिसमें किसानों को कृषि संबंधित उपकरणों को खरीदने और कृषि से संबंधित अन्य उत्पादन जरूरतों के लिए नकदी निकालने की सुविधा दी जाती है. इस योजना के तहत, किसान वित्तीय संस्थानों को प्रदान की गई अतिरिक्त 1.5% ब्याज छूट के साथ 7% की रियायती ब्याज दर पर लोन ले सकते है.