पंजाब सरकार के पर्यटन एवं सांस्कृतिक विभाग की प्रमुख सचिव राखी गुप्ता भंडारी का कहना है कि प्रदेश सरकार ने पूरे प्रदेश में साल भर में 24 मेले आयोजित करने का फैसला किया है ताकि देश विदेश के पर्यटक पंजाब की कला एवं संस्कृति से जुड़ सकें। पंजाब के मेले और त्यौहारों के दम पर ही पंजाब रंगला दिख सकेगा।
मुक्तसर साहिब का माघी मेला, फिरोजपुर का बसंत उत्सव, कपूरथला का हेरीटेज फेस्टिवल, लुधियाना का किला रायपुर ग्रामीणओलंपिक, बठिंडा का बैसाखी मेला, पटियाला का हैरीटेज फैस्टिवल, आनंदपुर साहिब का होला मोहल्ला, एस.बी.एस. नगर का इंकलाब फैस्टीवल, मानसा में दून फैस्टीवल जो मालवे के खाने पीने के व्यंजनों को प्रदर्शित करता है, जालंधर का घुड़सवारी उत्सव, चंडीगढ़ का मिलिट्री लिटरेरी फैस्टीवल, पठानकोट का नदियों से जुड़ा मेला (एडवैंचर स्पोटरस), मालेरकोटला का सूफी समारोह, अमृतसर का रंगला पंजाब उत्सव, फरीदकोट का बाबा शेख फरीद आगमन समारोह, नवांशहर का इंकलाब फैस्टीवल (स्वतंत्रता से जुड़े संघर्ष), गुरदासपुर का हरि सिंह नलवा जोश फैस्टीवल, तरनतारन का छज मेला, संगरूर में तीयां दा मेला, एस.ए.एस. नगर का टूरिज्म मार्ट समारोह, मानसा का टिब्बियां का मेला, फाजिल्का का हस्तशिल्प मेला और निहंग मेला जैसे त्यौहार और मेले लोगों को पंजाब की पुरानी रिवायतों के साथ जोड़ेंगे। संबंधित जिले के खास पकवान, पहनावे के बारे में जानने का लोगों को मौका भी मिलेगा।
प्रमुख सचिव राखी गुप्ता भंडारी का कहना है कि पर्यटन विभाग पूरी दुनिया में पंजाब की एक निराले, अदभुत और रंगला प्रदेश के तौर पहचान करवाने की दिशा में काम कर रहा है। पंजाब के हर जिले में ऐसे कुछ न कुछ संसाधन मौजूद हैं जिनकी मदद से पंजाब को इसकी जड़ों से जोड़कर जीवंत किया जा सकता है। केरल, मुंबई, गोवा, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में सैर सपाटा करने के लिए विदेशों से पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है लेकिन पंजाब के अंदर जितने खूबसूरत धार्मिक स्थल, सालों पुरानी धरोहरें, खूबसूरत जलीय स्त्रोत, किले मौजूद हैं वह किसी अन्य राज्य में नहीं हैं। पंजाब सरकार के पर्यटन विभाग का उद्देश्य है कि लोग पंजाब के अंदर की खूबसूरती देखने के लिए प्रदेश में भी घूमने के लिए आएं।