लखनऊ । बसपा अध्यक्ष मायावती ने मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना राज्यों के नतीजों को देखते हुए चिंतन बैठक बुलाई है। हालांकि बसपा का कहना है कि इन चार राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम लोगों के गले से नीचे नहीं उतर रहे हैं, ऐसे रहस्यात्मक मामले पर गंभीर चिंतन और उसके समाधान की जरूरत है। मायावती ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर डाले गए सिलसिलेवार संदेशों में विस्तार से अपनी बात कही और चुनाव परिणाम के संदर्भ में जमीनी रिपोर्ट लेकर आगामी लोकसभा चुनाव की नए सिरे से तैयारी के लिए आगामी 10 दिसंबर को लखनऊ में पार्टी की अखिल भारतीय बैठक बुलाई है। उन्होंने कहा कि देश के 4 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम एक पार्टी के पक्ष में एकतरफा होने से लोगों का अचंभित और चिंतित होना स्वाभाविक है। चुनाव के पूरे माहौल को देखते हुए ऐसा विचित्र परिणाम लोगों के गले के नीचे उतर पाना बहुत मुश्किल है। बसपा अध्यक्ष ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि पूरे चुनाव के दौरान माहौल एकदम अलग, कांटे के संघर्ष वाला और दिलचस्प था मगर चुनाव परिणाम उससे बिल्कुल अलग होकर पूरी तरह से एकतरफा हो जाना, यह ऐसा रहस्यात्मक मामला है जिस पर गंभीर चिंतन व उसका समाधान जरूरी है। लोगों की नब्ज पहचानने में भयंकर भूल-चूक चुनावी चर्चा का नया विषय है। मायावती ने अगले पोस्ट में कहा कि बसपा के सभी लोगों ने पूरे तन मन धन व दमदारी के साथ यह चुनाव लड़ा। उन्हें ऐसे अजूबे परिणाम से निराश कतई नहीं होना है बल्कि बाबा साहब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के जीवन संघर्षों से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने का प्रयास करते रहना है। दरअसल बसपा ने मप्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना मेंउम्मीदवार खड़े किए थे लेकिन राजस्थान दो सीट के अलावा किसी राज्य में उसका खाता नहीं खुला।